गुरुकुल में गुरु करते थे शिक्षा दान
हर घर उनका होता मान सम्मान
शिष्य गुरु माता पिता का करता था आदर सम्मान
शिष्यों के होठों पर रहता हमेशा राम-राम
शिष्य स्वावलंबी होकर करता गुरु का काम
जिससे गांव समाज देश में होता गुरु शिष्य का नाम
शिष्य गुरु शिक्षा के लिए करता गुरु के हर बातों पर ध्यान
और उस वक्त में गुरु का बढा था बहुत बड़ा नाम
आधुनिक युग में गुरुकुल सेहुआ कोचिंग संस्थान
गुरु से बढ़कर हुआ टीचर नाम प्रधान
पहले शिष्य गुरुकुल में करता पढ़ाई का काम
अब टीचर फिरता घर-घर ढूंढता विद्यार्थी का नाम
अब टीचर का गुरु जैसा नहीं करता मान
क्योंकि अब टीचर फटीचर जैसा करता काम
छल-प्रपंच से विद्यार्थी को ठगने का करता काम इसलिए आज गुरु शिक्षक शब्द हुआ है बदनाम
शुक्रवार, 5 जनवरी 2018
गुरुकुल में गुरु करते थे शिक्षा का दान
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