🧘♂️भारत की भूमि सदियों से दूसरे को ज्ञान देने की भूमि रही है
और उसमें भी अगर योग की बात आता है
तो पूरा विश्व भारत के सामने नतमस्तक हो जाता है
क्योंकि योग विद्या का अगर उत्पत्ति हुआ है तो भारत में हुआ है
यह भारत के ऋषि महर्षि की देन है
भारत के ऋषि महर्षि की तपस्या का फल है
और भारत के ऋषि महर्षि के अपने त्याग का फल और उसी का परिणाम है कि
आज विश्व में अधिकांश लोग जो योग से जुड़े हैं
और योग कर रहे हैं स्वस्थ हैं
और दूसरे को भी इसी रास्ते पर ले जा रहे हैं
हमें भारतीय होने पर तो गर्व हो ही रहा है
और भारतीय का योग पूरा विश्व में दुनिया को निरोग करने का काम कर रहा है
क्योंकि जो काम कोई नहीं कर सकता वह काम योग कर रहा है
योग से तन स्वस्थ होता है मन स्वस्थ होता है
तन पवित्र होता है
मन पवित्र होता है
और जिसका तन मन दोनों पवित्र हो जाए
उसका जीवन एकदम सुख मय हो जाता है
शांति मय हो जाता है
आज आप लोगों को प्राणायाम की कड़ी में अग्निसार( सहायक क्रिया) प्राणायाम के बारे में बताऊंगा
-: अग्निसार प्राणायाम:-
👉 अग्निसार प्राणायाम कैसे करें?
तो सबसे पहले अग्निसार प्राणायाम करने के लिए
"हम ध्यान वाले किसी अवस्था में आसन पर बैठ जाएंगे
उसके बाद आंख बंद कर के भीतर की ओर हवा को निकालकर वाह्य कुंभक को लगाना है यथाशक्ति पेट को आगे पीछे करना है इस क्रिया को कम से कम 5 से 7 बार जरूर करें"
🥇 सावधानी:-
गर्भवती महिला मासिक धर्म में जो महिला हो
और जिस का ऑपरेशन हुआ हो वह अग्निसार क्रिया नहीं करें
इससे उसको हानि होगा
इसलिए उसे बचना चाहिए
👉🧘♂️ लाभ:--
👉 कब्ज दूर करता है
👉 पेट के समस्त रोगों में लाभ पहुंचाता है
👉 भूख जगाता है
सोमवार, 29 जुलाई 2019
अग्निसार प्राणायाम कैसे करें
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