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रविवार, 4 अगस्त 2019

भगवान शंकर के गुरु कौन थे

भगवान शंकर के गुरु अंगिरा ऋषि था 👉🧘‍♂️ एक बार की बात है माता पार्वती ने भगवान शंकर से कहा कि क्या आज के समय में भी भक्त हैं या भक्त होते हैं तो भगवान शंकर ने कहा हां आज के समय में भी भक्त है और उसी के कारण यह संसार अभी भी है तो माता पार्वती ने कहा भगवन वह कहां है चलिए उसके पास देखते हैं आपका भक्त कैसा है तो उसके बाद भगवान शंकर ने और साथ में पार्वती को लेकर के पृथ्वी लोक पर आए जो पृथ्वी लोक पर आए तो अपना ब्राह्मणी बेस बदलिए और चल दिए और आते-आते उस रास्ते पर आते हैं जिस रास्ते पर बैजनाथ धाम अनेकों कमरिया धारी बोल बम करते हुए जा रहे थे तो माता पार्वती ने कहा कि इसमें तो सब आपका नाम जय जयकार करते हुए जा रहे हैं तो इसका परीक्षा किसे लीजिएगा और हम कैसे पहचानेंगे कि इसमें आपका असली भक्त है तो भगवान शंकर ने कहा देवी चिंता मत करो मैं एक कोठी का रूप धारण कर लेता हूं और तुम मेरी दासी का रूप धारण कर लो और और भगवान शंकर ने एक कोढ़ी का रूप धारण कर लिया और माता पार्वती ने उसके पत्नी के रूप में दासी का रूप धारण कर लिया और जिस रास्ते से कमरिया बोल बम जा रहे थे उसी रास्ते में सड़क के किनारे एक थोड़ा सा झोपड़पट्टी बना कर के और झोपड़ी के आगे में बैठ गए लेकर के और इशारा लगाते थे कि कम से कम इस कोढी को थोड़ा पानी पिला दो और कांवरिया सब बोल बम करते हुए जा रहे थे लेकिन कोई भी उसके तरफ नहीं ध्यान देते और चले जाते हैं और ऐसा करते करते शाम होने वाला था तब भगवान शंकर से माता पार्वती कहती है भगवान आप तो कहते हैं कि भक्त हैं मेरे भक्त आ रहे हैं तो फिर अभी तक नहीं आया और अब दिन ढलने वाले हैं अब कैसे होगा तो इस पर भगवान शंकर ने कहा की देवी धैर्य रखो अब आने ही वाले हैं और उसके कुछ ही देर बाद उस होकर के कुछ कांवरिया जा रहे थे और जैसे ही आवाज लगाते हैं कि इस को भी को भी थोड़ा पानी पिला दो थोड़ा सेवा कर दो जो उसमें सचमुच भक्त था भगवान शंकर का आराधना करने के लिए पूजा करने के लिए जा रहे थे बोल बम करते हुए तो उन्होंने सोचा कि असली पूजा तो यही होगा दीन दुखियों का मदद करके उसके बाद जब जाएंगे तो असली पूजा होगा और उन्होंने वहां पर रुका और पानी पिलाया और जैसे ही पानी पिलाया तो उन्होंने अपना एक था और प्रकट किया भगवान शंकर जो कोडी के रूप में था कहां भक्त हमको आज थोड़ा स्नान करा दो आपका भगवान पर बहुत विश्वास है और आपको भगवान भला करेंगे आपका कल्याण करेंगे और वह कांवरिया गुस्सा आया नहीं और कहा ठीक है बाबा आपको मैं स्नान कर आऊंगा और बाल्टी बाल्टी से उसके सिर पर पानी डालते गए और जितना पानी डालते गए वैसे-वैसे भगवान शंकर अपना असली रूप में आ गया और माता पार्वती भी अपना असली रूप में आ गई और उन्होंने कहा कि भक्त मैं आज तुम्हारा परीक्षा लेने के लिए आया था और इस परीक्षा में तुम पास हो गया और जो दीन दुखियों का सहायता करते हैं उसी में भगवान का वास है और वही सच्ची सेवा है सच्ची भक्ति है उसी में भगवान का वास है और उसी पर भगवान खुश भी होते हैं और आज जो तुम जाकर के बैजनाथ जहां में पूजा करता वह पूजा यहीं पर तुम्हारा पूर्ण हुआ और तुम्हारा सब कार्य पूर्ण होगा और अंत में तुम्हारा कल्याण भी करेंगे और माता पार्वती को भी भक्तों का पहचान हो गया और माता पार्वती को भी पूरा विश्वास हो गया कि दुनिया में भगवान के भक्त हैं और उसी के कारण यह पृथ्वी लोक यह मृत्यु लोक अभी तक व्यवस्थित है नहीं तो कब तक यह विखंडित हो जाता और माता पार्वती की जो मन में प्रश्न था सभी प्रश्न का हल भगवान शिव ने कर दिया और भगवान शिव अपने भक्तों पर खुश होकर के कल्याण किया और उसका जीवन को खुशियों से भर दिया और 👉🧘‍♂️उपदेश दिया कि दुनिया में अपने कार्य करते हुए भगवान का आराधना करते हुए दीन दुखियों की गरीबों की और विपत्ति में डूबे हुए व्यक्तियों की सेवा जरूर करें क्योंकि सब में प्रभु का वास है और सभी में मुझे अपना समझ कर के सेवा करें मैं जरूर कल्याण करूंगा भगवान शंकर देवों के देव हैं और उसे लोग प्रेम के साथ महादेव कहते हैं और जय जयकारा लगाते हैं हर हर महादेव सबका दुख हर ले और वह औघड़ दानी भी हैं बहुत जल्दी ही भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और उसको मनचाहा फल देते हैं और उसका सभी तरह का कष्ट का निवारण करते हैं इसीलिए भक्तगण को चाहिए कि भगवान शंकर की आराधना पवित्रता से स्वच्छ मन से पवित्र होकर के आराधना करें तो भगवान जरूर प्रसन्न होते हैं और उसकी सभी तरह के पापों का नाश करते हैं और अंत में कल्याण करते हैं और शिवलोक में उसे ले जाते हैं हर हर महादेव जय भोले भंडारी कृपा करो हो कृपा निधान

1 टिप्पणी:

kumartarunyadav673@gmail.com

अंतर अजब बिलास-महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज

श्री सद्गुरवें नमः आचार्य श्री रचित पुस्तक "पूर्ण सुख का रहस्य" से लिया गया है।एक बार अवश्य पढ़ें 👇👇👇👇👇👇👇👇 : प...