मैंने प्यार किया दो दिल के मिलन के लिए
लेकिन वह दगा दे गई तड़पने के लिए
दिन रात उनसे लगा रहता
पल पल आहे भरने के लिए
दिन रात खोए रहते उन्हें मनाने के लिए
मन नहीं मानता हमेशा तड़पने के लिए
लेकिन दिल बेचारा मानता नहीं रोने के लिए
शमा ढलती है तो याद आतीआंसू रोकने के लिए
भूली बात याद करते हैं तो मन करता सजा देने के लिए
लेकिन कमबख्त दिल रोता है मिलने के लिए
मैं तन्हा तन्हा रहता हूं जिंदगी के लिए
अब बेवफा दिल से निकल जाए शमा के लिए
क्योंकि बेवफा सजा होती है दिल को टुकड़े टुकड़े करने के लिए
लेकिन वह बेवफा दगा दे गई किसी और से मिलने के लिए
ओ रब्बा ऐसा किसी और को ना हो जिंदगी में तन्हा रोने के लिए
मैं तो चला मरने के लिए तंहा में डूबने के लिए
अगर दिल कागज का टुकड़ा होता चीर के दिखा देते कैसा करता मिलने के लिए
लेकिन वो बेवफा दगा दे गयी किसी और से मिलने के लिए
मैंने प्यार किया मधुर मिलन के लिए
लेकिन वो बेवफा सजा दे गयी मरने के लिए
रविवार, 7 जनवरी 2018
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