सब तो है उस प्रभु की माया।।1।।
सब पर हैं प्रभु की साया
लेकिन माया से कौन बच पाया।।2।।
दिन रात प्रभु के गुण को गाया
वहीं परमात्मा के दिल को भाया।।3।।
दूसरे की निंदा में जो जीवन बिताया
बेचारा दुनिया में कुछ कर नहीं पाया।।4।।
~तरुण यादव रघुनियां मधेपुरा
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