शिक्षा तुम क्या हो पता नहीं
जो तुम्हें अपनाता है गले लगाता है
दुख को बदल कर जिंदगी में रंग ला देता है
तुम धन भूमि क्या जन हो पता नहीं
जो तुम्हें अपना ता है गले लगाता है
धन भूमि की बात क्या जन भी ला देता है
तुम पद प्रतिष्ठा क्या पदवी हो पता नहीं
जो तुम्हें अपनाता है गले लगाता है
पद प्रतिष्ठा तो होता ही पदवी भी ला देता है
तुम कैसी की कलम है पता नहीं
जो तुम्हें अपनाता है गले लगाता है
सम्मानों की कलम के साथ सनम हो जाता है
काला रूप में तुम क्या हो पता नहीं
जो तुम्हें अपनाता है गले लगाता है
काला अक्षर के रूप में अज्ञान को हर लेता है..
गुरुवार, 11 जनवरी 2018
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