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शुक्रवार, 5 जनवरी 2018

नूर की तलाश थी नूर मिल गई

नूर की तलाश थी नूर मिल गई
खुदा तेरी दीदार जिंदगी बदल गई।।
रब तेरे इश्क में पागल सी हो गई।
दर-दर भटकती थी आसरा मिल गई।।
तेरी दीदार के लिए गिरी पर्वत पर बैठी थी।
आस्था विश्वास के साथ तेरी दिन रैन सुमिरन करती थी।।
1 दिन की बात कहूं तेरी दीदार हो गई।
नूर की तलाश थी नूर  मिल गई ।।
मेरी अंधेरी जिंदगी में बहार सी छा गई
वर्षों की साधना का खुशी मिल गई।।
दिन रैना सब अब दिन में बदल गई।
चारो दिशा तू नजर आया जिंदगी बाग बाग हो गई ।।
नूर की तलाश थी नूर मिल गई
बहुत आरजू थी जिंदगी बदल गई।।

1 टिप्पणी:

kumartarunyadav673@gmail.com

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