हम को जिसकी तलाश थी वह मिल गई।
दुनिया से सारे शिकवा गिला भूल गई।।
जब से नजर मिली दिल हिल गई।
पत्थर सा दिल था वह पिघल गई।।
तंहा में रहती थी वह भूल गई।
जब अखिया लड़ी हॉट खिल गई।।
क्या कहूं यारो जिंदगी की सारी खुशी मिल गई।
अकेला सा जिंदगी में गुलाब सा खिल गई।।
तेरी कैसी शुक्रिया अदा करूं खुदा।
मेरी जिंदगी जिंदगी से थी जुदा।
तेरी मेहरबानी से,
जिंदगी में हसीन फूल खिल गई।।
हमें जिसकी तलाश थी वह खुशी खुशी मिल गई।।
शुक्रवार, 5 जनवरी 2018
हमें जिसकी तलाश थी वह मिल गई
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आनंद और मंगल की जड़ सत्संग हैं -संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज
बीसवीं सदी के महान संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का प्रवचन को पूरा देखें 👇🙏👇 🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 आनन्द और मंगल की जड़ : ...

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
kumartarunyadav673@gmail.com