मेंढक को सांप खाते देखा
सांप को गली-गली भागते देखा
बात सुन सबको अचरज होते देखा
बात सुन लोटपोट होते देखा
बाबा को बाबू बनते देखा
मूर्ख जनता को पीछे पीछे घूमाते देखा
नारी को रिझा कर शोषण करते देखा
हुजूर को जेल में चक्की पीसते देखा
राजनीति को करवट लेते देखा
भ्रष्टाचारी को जेल जाते देखा
जनता को विकास की बात करते देखा
भ्रष्टाचार बनाम विकास पर वोट करते देखा
इमानदार को ईमानदारी का ढोल पीटते देखा
पोल खुलने पर मुख नुकाते देखा
जनता का अब नींद खुलते देखा
भ्रष्ट को बीच चौराहे पर पिटते देखा।।
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
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