उसकी थी क्या यही उसूल
जो दगा देकर गई भूल
दिन रात वह मौज मनाती
रात दिन उसकी यादें तड़पाती
आज है किसी और के संग
खोंटनीति से प्यार को किया बदरंग
यही है उनकी अदा
इसलिए निकली वह बेवफा
मैंने उसे अपना समझकर
अपना मान लिया
वह मेरे दिल से खेल कर
तन्हा में जीना छोड़ दिया
मेरे यार कोई ना करनाप्यार
आज का प्यार
जीना कर देना लाचार
यार आज का प्यार
पूरा संसार
ना जीने ना मरने कर देगा बेकार
तरुण करना ऐसा प्यार
जो होगा दिलदार
और जिंदगी में ला देगा बहार
जो जिंदगी में खुशी के
फूल भर देगा आर पार
आज का प्यार
पूरा बेकार जो जिंदगी
को कर देगा तार-तार।।
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
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