-:श्री सतगुरु महाराज की जय :-
सज्जनों और साधक बंधुओं आप लोग
साधना करते होंगे उसमें कुछ त्रुटियां
अवश्य रहती होगी या
बहुत लोग साधना का एक ढोंग कर रहे हैं
तो आइए अपने अंतर्मन को टटोला और पूछें:-
"क्या सतगुरु से शदयुक्ति लिए हो
क्या सत्संग में नित्य जाते हो
क्या गुरु भक्ति में नेह लगाते हो
क्या माया से मन में लगाते हो।।
हो जा सावधान होगा कल्याण ।।1।।
क्या ध्यानाभ्यास नित करते हो
आसनी लेकर नित्य बैठते हो
धड़ मस्तक साधी कर बैठते हो
देर तक आसन पर बैठते हो
हो जा सावधान होगा कलयाण।।2।।
क्या मानस अनुसंधान करते हो
क्या मानस जप भी करते हो
मनोयोग पूर्वक जाप जपते हो
मन को बिषयों से हटाते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।3।।
क्या दृष्टियोग अभ्यास करते हो
दोनों धाराओं का योग करते हो
माया से मन का योग करते हो
प्रभु भक्ति में मन को लगाते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।।।।4।।
क्या नित्य त्रिकाल संध्या करते हो
सुबह शाम स्तुति विनती करते हो
क्या सदग्रंथ का पाठ भी करते हो
उत्तर,पूरब ओर बैठ ध्यान लगाते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।5।।
क्या सदाचार का पालन करते हो
यम नियम आसन में सुधार करते हो
क्या नित्य ध्यानाभ्यास करते हो
क्या प्रतिहार धारणा भी करते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।6।।
क्या नित्य प्रति शद्ग्रंथ पढते हो
क्या सतगुरु की पुस्तक पढ़ते हो
क्याअपना निज काम भी करते हो
क्या प्रभु सुमिरण नित करते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।।।7।।
क्या पंच पाप से अपने बचते हो
गुरु आज्ञा का पालन करते हो
सदाचार का पालन करते हो
नित्य प्रति गुरु मंत्र जपते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।।।।8।।
क्या हर वक्त गुरु नाम जपते हो
मन को गुरु भक्ति में लगाते हो
क्या संसार से मन बिलगाते हो
क्या प्रभु का शुक्रिया करते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।।9।।
क्या पवित्र होकर ध्यान करते हो
गुरु मूर्ति का हू ब हू ध्यान करते हो
क्या एकबंदुता का ख्याल करते हो
क्या सद्गुरु को अंदर याद करते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।10।।
क्या शब्द साधना भी करते हो
क्या नि शब्द की ओर चलते हो
क्या प्रभु से मिलना चाहते हो
क्या परम कल्याण चाहते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।11।।
क्या गुरु की सेवा करते हो
गुरु के बताए मार्ग पर चलते हो
क्या अपना कमी भी ढूंढते हो
आगे का उपाय भी ढूंढते हो
हो जा सावधान होगा कल्याण।।12।।
क्या तुम पाप कर्म से बचते हो
क्या गुरुरूप का ध्यान करते हो
गुरु के बताये जैसा ध्यान करते हो
क्या मानस जप भी छोड़ते हो
भोजा सावधान होगा कल्याण।।13।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍✍
जयगुरू
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आदरणीय तरुण जी,हो जा सावधान होगा कल्याण.पढ़कर अच्छा लगा.उपरोक्त गुण रहने के उपरांत ही भक्ति पथ पर हम आगे बढ़ सकते हैं. इसी प्रकार आप लिखते रहे. शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंGood
हटाएंJay guru
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