✍✍✍स्वरचित ✍✍✍
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।
उगता सूरज भी ढल जायेगा
तुम यूँ देखता ही रह जायेगा।
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर। 1।।
जग में कुछ ऐसा तो नाम कर
जीवन के लिए कुछ काम कर
वक्त के साथ यूँ ही ढलना सीख
जीने के लिए कुछ करना सीख
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।2।।
तेरे अंदर फौलादी लहू दौड़ रहा
अभी तक क्यों हैं तू मौन पड़ा।
तुम पत्थर को तोड़ सकता है
तूफान के रूख मोड़ सकता है
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।3।।
सीखने के लिए अनेक मिसाल है
संत,विद्वान,ज्ञानी,समय याद है ।
शिवाजी,गुरु गोविन्द जी याद है
बोस,गांधी,मांझी,जिंदा मिसाल है।
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।4।।
कलाम,भाभा,अंबेडकर मिसाल है
राजेंद्र प्रसाद,दिनकर,रेणु याद है ।
बुद्ध,कबीर,नानक,मेंहीं मिसाल है
ऐसे अनेकों जिंदा पड़ा मिसाल है।
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।5।।
अपने सपने को साकार हैं
जिंदगी न तार तार कर
आलस,दुर्बुद्धि,भय का संहार कर
अपने सोये सपने को साकार कर
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।6।।
तरूण एक ही इजहार कर
अपने जिंदगी से प्यार कर
माँ बाप के सपने साकार कर
समय रहते कुछ विचार कर ।
ये वक्त यूँ ही नहीं बर्बाद कर
कुछ काम कर कुछ काम कर।।।7।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍
मधेपुरा( बिहार )
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