✍✍✍स्वरचित गजल ✍✍✍
जब मैनें उनकी आंखो में देखा ।
प्रेमग्रंथ के हर पन्ने को पढ लिया।।1।।
उनकी आंखों का अनोखा जादू
मानो दिल पर प्रेमपत्र लिख दिया।।2।।
आंखों में थी एक अजब नशा
मैं उसमें डूबता ही चला गया ।।3।।
नशीली आंखों ने कैद कर लिया
अंदर एक जुनून को ला दिया ।।4।।
लब्ज़ों पर अनायास शब्द आया
मैं तो प्रेम का दीवाना हो गया ।।5।।
शर्बती आंखों ने चैन छीन लिया
ये यादें मुझको बैचेन कर दिया ।।6।।
किसी शायरों ने सच ही कहा हैं
जो आंखों में डूबा दीवाना हो गया।।7।।
ये नशा तो याद ही छीन लिया
''तरूण''हालत- ए-बदल गया ।।8।।
✍✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍
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