✍✍✍स्वरचित ✍✍✍
नित करो गुरू का ध्यान
तब ही होगा अपना ज्ञान
यही हैं अपना निज काम
छोड़ो यह दुःख का धाम ।।1।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍✍✍
मधेपुरा (बिहार )
नित करो गुरू का ध्यान
तब ही होगा अपना ज्ञान
यही हैं अपना निज काम
छोड़ो यह दुःख का धाम ।।1।।
ध्यान से होगा कल्याण
बनते जायेगा अपना काम
चौरासी से मिलेगा विराम
वास होगा प्रभु का धाम ।।2।।
तन का मत करो गुमान
करते रहो गुरु का ध्यान
पार करोगे नवमी द्वार
यही एक मात्र आधार ।।3।।
ब्राह्म मुहूर्त में ध्यान बनेगा
सतगुरु का कृपा बरसेगा
अंतर का अंधकार मिटेगा
साफ प्रभु का रूप दिखेगा।।4।।
कर्मों का मूल है ध्यान
सब संतों यही है ज्ञान
त्याग कर दो अभिमान
छोड़ चलो दुःख का धाम ।।5।।
समस्या का हल हैं ध्यान
यह है सार सम्मत ज्ञान
करते रहो तरूण अनुसंधान
यही हैं सब संतों का ज्ञान ।।6।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍✍✍
मधेपुरा (बिहार )
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