✍✍🌹🌹स्वरचित 🌺🌺✍✍
⚘⚘⚘दिल की गहराई से ⚘⚘⚘
आज वो सपने में आयी,कहा जागो मेरे चाँद
सबेरा हो गया देखो मुर्गा दे रहा है वांग ।
झट से नींद टुटी आंखें खुली नजर दौड़ाया
सामने मौत का कर रहा कोबरा इंतजाम ।
आज भी नहीं पर कितना करोगी एहसान।।1।।
तुम मेरे दिल में जिंदा हो एहसास की तरह
चारों दिशा तू ही नजर आती हैं देवी की तरह
हर विपत्तियों साथ देती अदृश्य जैसी शान
वो मेरे दिल की जान क्यों गयी बनके अंजान
आज भी नहीं पर कितना करोगी एहसान।।2।।
सच हैं तेरी यादों से, चल रही है ये सांस
दुनिया वाले भी कर रहे हैं यही विश्वास
जिस दिन यादें मिटी,समझो हो जायेंगे खाक
तू दिल से निकलती ही नहीं, मेरी जान
आज भी नहीं पर कितना करोगी एहसान।।3।।
कितना भी लब्ज़ कहूँ तेरे लिए कम हैं
सच में जब सामने थी लगती थी लाजवाब
तेरी मुस्कान से दिल हो जाता था बागवाग
जब भी तेरी याद आती है दिल रोने से नहीं आता बाज
आज भी तू रोने नहीं देती है लगाती हैं आवाज
कब तक मुझे झेलती रहेगी,जाओ परवरदीदार के धाम
आज भी नहीं पर कितना करोगी एहसान।।4।।
✍प्यार के नाम एक कमेंट्स जरूर करना✍
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍
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