क्या जरा बताओ अधिकार मिल गये।।
गांधी के सपनों का भारत बन गये
दबे कुचले शोषित पर शासन बन गये ।।
बहन बेटियां को अधिकार मिल गये
आज भी पर्दा में रहने को बेबस हो गये।।
मां, बहन को सुरक्षा का अधिकार मिल गये
सड़क,नदी,खेत में देखकर कहता शिकार मिल गये ।।
किसान रोज मरता, देश कृषि प्रधान हो गये
दाम का दाम न मिला,नेता को पगार मिल गये ।।
शिक्षा भी सहयोग से इन्कार कर गये
लाखों युवा को बेरोजगार कर गये ।।
गड्ढा छोटा था,पानी भी हटने से इन्कार कर गये
रास्ते से गाड़ी जब चली,छींटों से मुंह भड़ गये ।।
सेवा,स्वास्थ्य,इलाज में ,हम आसमान छू गये
गरीब तरपे सरकारी,अमीर प्राइवेट सिफ्ट हो गये।।
एक बीमारी की जांच में महीनों लग गये
कितने बदकिस्मत का पेपर में फोटो छप गये।।
देश के इमानदारों की इमान विश्व रिकॉर्ड बन गये
सुबह गया सासुर कैद खाना,शाम को घर लौट गये।।
सड़क,रास्ते चले ठाय ठाय कर्ण प्रिय आवाज बन गये
राम,बुद्ध,महावीर,कबीर,नानक,तिरुवल्लुवर का कैसा हिन्दुस्तान बन गये ।।
देश के नौकरशाह अब गरीब अवाम बन गये
घूसखौरी की सीना जोरी अब आम बन गये ।।
कल का चोर उचक्का आज का राम बन गये
पैसे के बलबूतो पर आवाम का शान बन गये ।।
स्वतंत्रता दिवस कीबहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
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