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रविवार, 27 सितंबर 2020

नदी को महार कहते हो

बीच नदी को महार कहते हो 
पानी को दूध की ढार कहते हो
लग जाये लत नशे का तो
शराब को ही सबाव कहते हो।।1।।

नशा को अपना व्यवहार कहते हो 
बेटा बिगड़े तो इन्कार करते हो 
जिस दिन मुँह कान तुम्मा बनादे 
हर लब्ज़ बिगड़ा संस्कार कहते हो ।।2।।

बाप बेटा बैठकर ताश खेलते हो 
गांजा में सोंट हजार देते हो 
अगर पत्ता का हेर फेर हो जाये
अपने में माँ दादी का गाली बौछार करते हो ।।3।।
#तरूणयादवरधुनियां 
 #poetry 
#tarunyadavraghuniya 
#raghuniya 
#gajal
 #najm 
 

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