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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

प्यार का पूरबा न था

इतना डूबा न था दिल में मनसूबा न था
जब से तेरी चक्कर लगा ऐसा कभी हुआ न था।।

प्यार मोहब्बत वाली बात मेरे लिए अजूबा न था
ये बात बिल्कुल सत्य है जिंदगी में महबूबा न था ।।

इश्क प्यार से भरी महफिल लेकिन जज्बा न था 
नजर के तीर से घायल हुआ ऐसा दब दबा न था।।

आशिक को तन्हा देखकर मुझे कभी पछतावा न था 
हवा तो बहुत लगा जिंदगी में लेकिन प्यार का पूरबा न था।।
~तरुण यादव रघुनियां 
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