तेरी याद में कितने दिन और रात को जागा
तुझे पाने की आस में तेरे पीछे पीछे भागा
सामने से मुस्कुराकर किसी और से प्यार की
मेरे दिल की छलनी कर गैरो का हाथ थामा।।1।।
मुझसे भूल हुई तुझे प्यार के काबिल समझा
दिल से चाहा, पहनाई प्यार, प्रेम का तगमा
प्यार और मुहब्बत करना दिल का उसूल हैं
मैं तो अभी तक इसी उलझनों में हूँ उलझा।।2।।
प्यार में पड़े प्रेमी को देखकर दिल सिहर उठता
कितना का जिंदगी बिगड़ा कहने से डर लगता
कितना जिंदगी कुर्बान हुए ,कत्ले-आम हुए
कोई भी प्यार की नाटक करने
~तरुण यादव रघुनियां
शनिवार, 31 अक्टूबर 2020
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