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शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

तेरे याद में

तेरी याद में कितने दिन और रात को जागा तुझे पाने की आस में तेरे पीछे पीछे भागा सामने से मुस्कुराकर किसी और से प्यार की मेरे दिल की छलनी कर गैरो का हाथ थामा।।1।। मुझसे भूल हुई तुझे प्यार के काबिल समझा दिल से चाहा, पहनाई प्यार, प्रेम का तगमा प्यार और मुहब्बत करना दिल का उसूल हैं मैं तो अभी तक इसी उलझनों में हूँ उलझा।।2।। प्यार में पड़े प्रेमी को देखकर दिल सिहर उठता कितना का जिंदगी बिगड़ा कहने से डर लगता कितना जिंदगी कुर्बान हुए ,कत्ले-आम हुए कोई भी प्यार की नाटक करने ~तरुण यादव रघुनियां

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