जो हो गया फिर दोहराने ना दो
अपने शेष बचे रिश्ता को
अब तार तार होने ना दो।।1।।
जज्बा के आग को कम होने ना दो
मंजिल तक पहुंच जाओगे
भगवान को परीक्षा लेने तो दो।।2।।
प्रेम प्याला को कम ना दो
रात बहुत हुआ सोने तो दो
दिल पर पत्थर रख लिया
अब मुझे जाने तो दो।।3।।
कलियों को मुसकाने तो दो
बच्चों को समझाने तो दो
सबने बोल लिया कबसे
तरूण को कुछ गाने तो दो।।4।।
~तरूण यादव रघुनियां
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