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सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

गुलाब पर दिल

एक गुलाब हमारा भी था
एक सैलाब हमारा भी था।।

आग लगा दिल में हमारा भी था
मेरे जैसे बहुत कुंवारा भी था।।

गुलाब पर दिल हमारा भी था
उनके बिना कोई चारा भी था।।

पंखुड़ी की अदा का मारा भी था
सबके जैसे दिल से हारा भी था।।

इश्क़ जनाब हमारा भी था,
दिल में आग हमारा भी था।।

~तरुण यादव रघुनियां

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