इस कविता में आपको सभी तरह के पहलू नजर आयेंगे एक बार जरूर पढ़ें 👇
प्यार तो प्यार होता है
कुछ दिनों का बुखार होता है।
नया नया खूब अच्छा लगता है
बात बात में दिवस रैन बीतता है।
क्या खाया,क्या पीया हर लब्ज होता है।
बिना हाल चाल पूछे कोई नहीं बात होता है।
इस कदर डूबा होता है।
दुनिया से बेखबर होता है।
मैसेज,फोन का इंतजार होता है
मिलने को जिया बेकरार होता है।
नववर्ष पर नया नया उपहार होता है।
साथ में सेल्फी लेने का इंतजार होता है।
जब हो जाये छह महीने साल।
आने लगता दुनिया का ख्याल।
कम हो जाता पूछ्ना हाल-चाल
एक दुसरे पर उठाने लगता सवाल।
बस इतना ही दिन का होता प्यार
होश आने पर उतर जाता बुखार।
सच ही कहा प्यार तो प्यार होता है।
लेकिन कुछ दिनों का यार होता है।।
कवि-तरुण यादव रघुनियां
रविवार, 16 फ़रवरी 2025
प्यार तो प्यार होता है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बिना तुम
तुम्हारी हंसी बता रही है कि तुम मेरे बिना खुश रह सकती है। मेरे सामने तुम जरूर ही नाखुशी का दिखावा करती है।। यह तो दुनिया का रीत ही है इसमे...

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
kumartarunyadav673@gmail.com