प्रकृति देवी है दयावान
सभी को देते हैं प्राण का दान
इसका सबसे अनोखा रिश्ता
सब को समझते अपना परिवार जैसा
समय समय अपनी अवस्था बदले
प्राणी के लिए प्रतिकूल अवस्था बदले
प्राणी कर रहे उससे घातक खिलवाड़
लेकिन दया ममता के कारण क्षमा करते बार-बार
आधुनिक युग की इस आपाधापी में
कोई न साथ देते इस अकाल विपदा में
प्रकृति की दशा बदल रहे
अनेकों बीमारी महामारी फल फूल रहे
जब करने लगेंगे सब उससे प्यार
वह फेंक देंगे बीमारी महामारी का जर उखाड़
पेड़ पौधे को ज्यादा लगावे
प्रकृति से अधिक प्रेम बढ़ावे
तब होगा सब जीव का कल्याण
वह कहलाएगा तब प्रकृति संतान।।
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
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