उंगली उठाओगे
तो मारे जाओगे
कफन के लिए
वस्त्र न ले पाओगे ।।
नाम का पताका फहड़ाओगे
तो प्रमोशन पाओगे
वक्त मिलने पर
सत्ता में आओगे ।।
उंगली उठाओगे
तो मारे जाओगे ******
आवाज लगाओगे
तो जीभ काट लिए जाओगे
दुनिया में रह नही पाओगे
परिवार सहित लापता हो जाओगे।।
कोई साथ नहीं देगा
गवाह नहीं बनेगा
क्योंकि दुनिया से
खुद ही मिटेगा।।
उंगली उठाओगे
बच नहीं पाओगे
सबूत सहित दुनिया से जाओगे
कुछ कर ना पाओगे।।
गुरुवार, 23 अगस्त 2018
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आनंद और मंगल की जड़ सत्संग हैं -संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज
बीसवीं सदी के महान संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का प्रवचन को पूरा देखें 👇🙏👇 🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 आनन्द और मंगल की जड़ : ...

सुनहरा कविता
जवाब देंहटाएं