यहां पर आप को दुनिया का सबसे शानदार और रोचक तथ्य के बारे में बताया जाएगा और हिंदुस्तान के अलावा पूरा विश्व के बारे में

मेरे बारे में

Breaking

रविवार, 2 जून 2019

मेरी आहें भाग 7

2008 में मैं वर्ग आठ में पढ़ता था और कोचिंग के लिए सिंकु सर के पास जाया करते थे सिंकु सर सीबीएसई मीडियम से पढ़े हुए थे और अगर एक तरह से ओवरऑल टाइलेंटेडह कहें तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगा क्योंकि सिंकु सर इतना मेहनत करते थे की हर विषय पर बहुत ही कड़ा पकड़ था खुद पढ़ाने के बाद अपना सेल्फ स्टडी करते रहते थे और उनका कहना था अगर हम मेहनत करेंगे तब ही मेरा प्रभाव मेरे बच्चे पर पड़ेगा और वह भी पढेगा अगर टीचर पड़ेगा ही नहीं तो उसका प्रभाव विद्यार्थी पर पड़ेगा और विद्यार्थी भी पढ़ने के लिए नहीं चाहेगा इसलिए मैं कड़ी मेहनत करता हूं और उसके साथ विद्यार्थी से भी कड़ी से कड़ी मेहनत करवाता हूं मेरा राइटिंग बहुत अच्छा था जिससे सिंकु सर भी बहुत प्रभावित हुए और वह कहते थे कि तुम्हारा राइटिंग मुझसे भी बहुत अच्छा है उस समय में आठवां में था और दसमा का अगर कोई भी विषय का पेज बनाना होता तो हम से ही लिखवाता था दिन रात एक कर के हम से लिखवाता था उसके बाद हमको पढ़ाई का भी टाइम देता था जब उसके उसके कमरे में 1 दिन सोया तो मैंने देखा 12:00 बजे रात तक खुद सेल्फ स्टडी करता है और उसके बाद 3:00 बजे जाकर के फिर मेहनत करना और फिर सुबह से क्लास करना हम बहुत प्रभावित हुए इतना कड़ा मेहनत आज वह इनकम टैक्स विभाग के बड़े अफसर हैं 2009 में हम लोगों को पढ़ाना छोड़ दिया और चले गए तैयारी करने के लिए और उसके बाद अफसर बन गए लेकिन जब भी हम लोग यहां पर पढ़ते थे तो उस दिन की बात आज भी याद है की आज भी प्रेरणा लेता हूं कि कैसा जोश कैसा जुनून था पढ़ाने के साथ-साथ खुद 10- 10 घंटा 12-12 घंटा मेहनत करते थे और उसी के प्रभाव में आकर के मैं भी दशमा में 18- 18 घंटा पढ़ाई का डाटा बनाया और जब मैं उसके पास पढ़ता था तो मेरे साथ में संतन कुमार भी गया यह बहुत पीछा था सिलेबस बहुत आगे बढ़ चुका था उसके बाद यह गया तो पिछला सिलेबस सर तो बताने में असमंजस स्थिति में थे क्योंकि उस पर पढ़ाई का और पढ़ाने का इतना बोझ था कि उसका टाइमिंग मैनेजमेंट नहीं हो पा रहा था तो वह थोड़ा उसको मैथ में हिंट्स करके उन्होंने मुझसे कहा कि तुम संतन कुमार को पीछा वाला सवाल बता दो तो मैंने कहा कि इससे मेरा मनमुटाव है मैं इसको नहीं बताऊंगा तो उन्होंने बहुत ही अच्छे शब्दों में हमको समझाया कि तुम अगर बताओगे तुम्हारा विद्या थोड़े कम होगा और बढ़ेगा ही और " एक कहानी सुनाया कि देखो एक तालाब को देखो और एक नदी को देखो तालाब में पानी भरा रहता है लेकिन पानी इतना गंदा रहता है कि लोग उसको पसंद नहीं करते हैं लोग उसे पीना पसंद नहीं करते हैं जबकि नदी में पानी कम ही रहता है वह हमेशा बहती रहती है वह हमेशा स्वस्थ रहती है जिसे सब लोग पसंद करते हैं और पीते भी हैं इसलिए तुम नदी के जल के जैसे काम करो" और यह कहानी से हम को मजबूर होना पड़ा उसके बाद मैंने संतन कुमार को बताया और इससे मैंने यही शिक्षा पाया कि अगर ज्ञान बांटते रहेंगे तो यह और बढ़ते रहेगा और निर्मल होते जाएगा बहुत ही प्रेरक बात था और इस तरह आठवां की पढ़ाई पूरा किए फिर जब नाइंथ। नाइंथ में भी उसी के पास पढ़ रहे थे और मेहनत के साथ अपना टेस्ट देते और उसमें सबसे अधिक अंक आते थे और उसका ही रिलेशन में सूरज भाई और दीपक भाई भी था जो मेरा क्लास फ्रेंड ही था उसको रोज डांट पढ़ता था की पढ़ता नहीं है ऐसा ना हो एक दिन तुम दोनों को दुकान ही करना पड़े पढ़ लो कोई जॉब लो जिससे तुम्हारा अपना भविष्य बन जाएगा अगर नहीं जॉब मिलेगा तो अभी एक दुकान है और बाद में फिर दो दुकान बनाना पड़ेगा फिर उतना ग्राहक कहां से आएगा और यही धंधा करेगा और जब सूरज भाई के घर जाते थे तुम मेरा चर्चा जोरों पर होता था मेरे सादगी का मेरे स्वाबलंबी जीवन का मेरे पढ़ाई का मेरे चाल चलन का मेरे सद् व्यवहार से सब प्रभावित रहते थे और सिंकु सर वहीं पर कहा था 1 दिन ऐसा आएगा टिकुलिया में सबसे नंबर वन इसी का नाम रहेगा और सबसे हाईएस्ट क्लास तक को पढ़ आएगा और यह बात आज मैं सोचता हूं तू बिल्कुल सच साबित हो रहा है बिल्कुल सत्य हुआ और मैंने इस पर बहुत पहले ही विश्वास कर लिया था चाहे गुरु कैसे भी हो अगर उसके बात पर विश्वास करके चलते हैं वह बात सत्य होता है आज उसका बात 100% सच हुआ और मैं ऐसे गुरु के चरण कमलों में शत-शत वंदन करता हूं और उसके आशीर्वाद से आज मैं यह काम कर रहा हूं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

kumartarunyadav673@gmail.com

अंतर अजब बिलास-महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज

श्री सद्गुरवें नमः आचार्य श्री रचित पुस्तक "पूर्ण सुख का रहस्य" से लिया गया है।एक बार अवश्य पढ़ें 👇👇👇👇👇👇👇👇 : प...