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शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

सिद्धासन कैसे करें

भारत की इस योग और ऋषि-मुनियों की भूमि है और हमें इस पर गर्व है आज प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए अगली कड़ी में आप लोगों को सिद्धासन के बारे में बताऊंगा यह बहुत ही अच्छा आसन है और इससे पहले आप लोग सुखासन के बारे में जान चुके हैं नहीं तो इससे पिछले वाले आर्टिकल को पढ़ ले उसमें सुखासन के बारे में बताया गया है आज आप लोगों को सिद्धासन के बारे में बताने जा रहा हूं सिद्धासन कैसे करें विधि :- 👉सबसे पहले दंडासन में बैठ जाएं बाएं पैर को मोड़कर एरी को सिवनी पर लगाएं अर्थात गोदा एवं उपस्थेन्द्रिय के मध्य में लगाएं बाएं पैर की एड़ी को उपस्थेन्द्रिय के ऊपर वाले भाग पर स्थिर करें बाएं पैर के टखने पर दाएं पैर का टखना होना चाहिए निश्चित रूप से पैरों के पंजा जंघा और पिंडली के मध्य रहे घुटना जमीन पर टिके हुए हो दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा तर्जनी एवं अंगुष्ट के अग्र भाग को स्पर्श करके रखे शेष तीन उंगली सीधे रहे की स्थिति में घुटने पर टिके हुए हो !
मेरुदंड सीधा रहना चाहिए आंख को बंद करके भूमध्य में बीच भाग में मन को एकाग्र करना चाहिए और इस तरह से सिद्धासन करते हैं सिद्धासन से लाभ:- सिद्धों द्वारा सेवित होने का नाम ही सिद्धासन है ब्रह्मचर्य की रक्षा करके उर्ध्वरेता बनाता है काम के वेग को शांत कर मन की सभी चिंताओं को दूर करता है कुंडलिनी जागरण हेतु बहुत ही उत्तम आसन है बवासीर तथा यौन रोगों के लिए बहुत लाभप्रद हैं।

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