हम लोग पिछले करी में आसन के बारे में
बहुत कुछ जान चुके हैं
अब हम लोग जो है अगली कड़ी में एक और आसन वज्रासन
के बारे में जानेंगे
वज्रासन नाम से ही है साफ-साफ क्लियर है
वज्रासन अर्थात जिस आसन के करने से शरीर वज्र के समान हो जाए
कोई कष्ट नहीं रहे कोई रोग नहीं रहे उसे हम वज्रासन कहेंगे
तो आज हम लोग वज्रासन कैसे करते हैं वह जानेंगे
विधि:--------
दोनों पैरों को मोड़कर नितंब के नीचे इस प्रकार रखें कि
एंरिया बाहर की ओर निकली हुई नितंब से लगे हो
उसके बाद इस स्थिति में पैरों के अंगूठे एक दूसरे से लगे होने चाहिए
कमर सिर ग्रीवा सब एक सीधी में रहे घुटना मिला हुआ हो
हाथों को घुटनों पर रखते हैं इस प्रकार वज्रासन करते हैं
वज्रासन खास करके सभी को करना चाहिए
और यह आसन खाने के बाद करें तो बहुत लाभदायक होता है
पाचन शक्ति तीव्र होता है
और पेट में जो गैस बनता है वह भी नहीं बनता है
यानी पूरा पेट साफ रहता है तो
इस तरह वज्रासन करने से आप बज्र के समान हो जाएंगे
निरोग हो जाएंगे और हमेशा मुस्कान चेहरा रहेगा
और यह दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा
इसलिए कम से कम वज्रासन जरूर करें
यह सबों के लिए आवश्यक है
और सबों के लिए उपयोगी है और सबों के लिए फलदाई है तो और कोई आसान आप नहीं भी करते हैं तो कोई बात नहीं लेकिन वज्रासन अवश्य करें और यह खाने के बाद तो कुछ देर तक अवश्य करना ही चाहिए प्रत्येक व्यक्ति को।।
गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
अंतर अजब बिलास-महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज
श्री सद्गुरवें नमः आचार्य श्री रचित पुस्तक "पूर्ण सुख का रहस्य" से लिया गया है।एक बार अवश्य पढ़ें 👇👇👇👇👇👇👇👇 : प...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
kumartarunyadav673@gmail.com