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शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2019

ऊंगलियों के लिए आसन भाग 1

इससे पहले आसान वज्रासन सुखासन पद्मासन आदि पढ़ चुके हैं आज उंगली के आसन के बारे में जानेंगे सभी उंगली को किस तरह से मोड़ें कि क्या-क्या फायदा है उसके बारे में भी जानेंगे तो सबसे पहले-------------------------: ज्ञान मुद्रा :------------------- या ध्यान मुद्रा आसन कैसे करें विधि:------- अंगूठे और तर्जनी उंगली के अगले भाग को परस्पर मिलाकर शेष तीनों उंगलियों को सीधा रखना चाहिए इस तरह से ध्यान मुद्रा आसन करते हैं लाभ :- 1.धारणा और ध्यानात्मक स्थिति का विकास होता है 2. एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं 3. इस मुद्रा से इच्छा शक्ति बढ़ती है इसलिए इसके निरंतर अभ्यास से ओजस्वी बनते हैं 4. मस्तिष्क की स्नायु मजबूत होती है 5.सिर दर्द सिर दर्द और निद्रा आदि दूर होते हैं 6. क्रोध का नाश होता है ((2.))नंबर दो -----:वायु मुद्रा:------ तर्जनी उंगली को अंगूठे के मूल में लगाकर अंगूठे को हल्का दबाकर रखने से यह वायु मुद्रा बनती है शेष तीन उंगलियां सीधी रखनी चाहिए लाभ :----- 1.इसके अभ्यास से समस्त प्रकार की वायु संबंधी विकार गठिया संधिवात पक्षाघात कंपवात साइटिका अर्थराइटिस घुटने के दर्द तथा गैस बनना आदि दूर होते हैं 2. गर्दन और रीड के दर्द में लाभ होता है इसलिए वायु मुद्रा सभी को करना चाहिए यह बहुत ही फायदेमंद है और बहुत ही हल्का है और आपको चित्र भी दिया गया है आसानी से आप समझ सकते हैं करने में कोई दिक्कत नहीं होगा और हम भारतवासी को यह अधिक से अधिक करना चाहिए

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