आज हम लोग एक बहुत ही महत्वपूर्ण आसन के बारे में जानेंगे
उस आसन का नाम है पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन कैसे करें विधि और लाभ के बारे में
विस्तार से और सरल शब्दों में आप लोगों के सामने प्रस्तुत है
सबसे पहले पवनमुक्तासन कैसे करें
विधि :--
पीठ के बल लेट कर दाएं पैर के घुटनों को छाती पर रखें
दोनों हाथों की उंगलियां एक दूसरे में डालते हुए घुटनों पर रखें
स्वास बाहर निकालते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाए
और सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका का स्पर्श करें
कुछ देर करीब 10 से 30 सेकंड तक श्वास को बाहर रोकते हुए इस स्थिति में रहकर फिर पैर को सीधा कर दें
इसे दो से चार बार तक करें इसी तरह दूसरे पैर से करें
द्वितीय पोज
विधि:-
दोनों पैरों से एक साथ इस अभ्यास को करना चाहिए
एक यह एक चक्र पूरा हुआ इस प्रकार तीन से चार चक्र कर सकते हैं
दोनों पैर पकड़कर बाएं दाएं आगे पीछे लड़कना भी चाहिए
इस तरह से पवनमुक्तासन करते हैं
लाभ:-
उदर गत वायु विकार के लिए यह बहुत ही उत्तम और लाभदायक है
स्त्री रोग अल्पार्तव कष्टार्तव और गर्भाशय संबंधी रोगों के लिए भी अत्यंत लाभप्रद है।।
शनिवार, 2 नवंबर 2019
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