स्त्री शक्ति को बार-बार नमन है
उनसे ही खिला यह सारा चमन है।।
चाहे तो सारी सृष्टि को रोक सकते हैं
प्रलय की आंधियों में झौक सकते हैं ।।
स्त्री से ही जहां में हर पर्व त्यौहार है
उसी से सारा सृष्टि में एक उत्सव है।।
स्त्री से सृष्टि का चक्र ठीक चल रहा है
उनसे संसार में सब फल फूल रहा है ।।
सारी कायनात तो उसी का कायल है
उनके बिना जग सूना और घायल है।।
स्त्री से चलता सब घर और दफ्तर है
स्त्री के बिना नरक हर घर,दफ्तर है।।
स्त्री से ही स्नेह,तृप्ति,शक्ति ,भक्ति हैं
स्त्री से ही घर्म, धैर्य, भरोसा बचा हैं ।।
स्त्री ही हर घर दादी,माँ, बहन, बेटी हैं
सृष्टि में हर घर उनसे सबका सेखी हैं ।।
सृष्टि के हर कण कण उनकी परछायी हैं
हर जगह,हर युग में वही समायी है ।।
तरुण का स्री शक्ति को शत शत नमन है
उनसे ही सारी दुनिया खिला चमन है ।।
👉तरुण यादव रघुनियां (मधेपुरा,बिहार )
✍अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।
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