✍✍✍स्वरचित ✍✍✍
तू इस प्रकृति का रत्न
करके देखो रत्न
सब बाधा पार कर जायेगा
अपना सुहाना मंजिल पायेगा।।1।।
तू है खुदा का नूर
ज्ञान से हैं भरपूर
जब जोर से हिम्मत लगायेगा
अपना सुहाना मंजिल पायेगा।।2।।
प्रकृति में एक हो तुम
सबसे विशेष हो तुम
अंदर झांक,प्रकृति साथ निभायेगा
तू अपना जरूर मंजिल पायेगा ।।3।।
तुम ऋषि के संतान हो
तुम ज्ञान के भंडार हो
जब आत्मविश्वास से हिम्मत लगायेगा
तेरा मंजिल तेरे पीछे पीछे आयेगा ।।4।।
तुम माँ भारती के संतान हो
तुम एक हकीकत पैगाम हो
जब आत्मगौरव से हिम्मत लगायेगा
तेरा मंजिल पीछे दौरे दौरे आयेगा ।।5।।
अभी तो तरूण हो
दया और करुण हो
जब आत्मविश्वास हिम्मत लगायेगा
मंजिल तेरा पीछे दौरे दौरे आयेगा ।।6।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍✍
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