✍✍✍✍✍स्वरचित ✍✍✍✍
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
पेड़, पर्वत, नदियाँ ये कैसी उपहार ।।
नयी नयी कोमल कलियाँ
लेकर होंठों पर खुशियाँ ।।1।।
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
हरा भरा वातावरण से स्वस्थ संसार
ये हवाएं डाली को सहलाती
मंद मधुर मधुर गीत सुनाती।।2।।
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
चारो ओर हरियाली है अनुपम उपहार।
बादल आकाश को चुमती
फिर झमझम बर्षा करती।।3।।
मन में उमंग भरा है अद्भुत ये संसार
हरा भरा है वन,उपवन सुंदर बहार।।
कहता है ये वन ,उपवन
स्वस्थ रहें सबका जीवन।।4।।
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
जग में हम हैं,हम से ये सारा संसार
पेड़ पौधे की डाली हैं
चारो ओर हरियाली है।।5।।
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
सुंदर घटा पर ,नहीं कोई करो वार।।
पर्यावरण को स्वच्छ रखें हम
जीवन से बीमार दूर करें हम।।6।।
प्रकृति की सुन्दरता देख करो विचार
तरुण मत सोचो,करो प्रकृति से प्यार
स्वस्थ जीवन हैं अनुपम उपहार
मत करो अब इनसे खिलवाड़।।7।।
✍✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍✍
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