।।ऊं ।।
सब के अंदर एक ही राम 
प्रेम से बोलो जय श्री राम ।।1।।
सभी के बनते बिगड़े काम
प्रेम से बोलो जय श्री राम ।।2।।
सुबह शाम लो प्रभु का नाम 
भक्त भी भजते जय श्री राम।।3।।
आनंद के सागर प्रभु का नाम 
सभी को तारे एक ही राम।।4।।
प्रेम से बोलो जय श्री राम 
नैया पार करेंगे प्रभु  नाम ।।5।।
जग का पालन करें प्रभु राम 
जीवन मुक्त करावे प्रभु नाम।।6।।
सब मिलकर करो प्रभु ध्यान 
हृदय से बोलो जय श्री राम ।।7।।
''तरुण''करते है यही पुकार
उद्धार करो प्रभु अबकी बार।।8।।
सब के घट घट एक ही राम 
प्रेम से लेलो प्रभु का नाम ।।9।।
राम नवमी की बहुत बहुत बधाई
          और शुभकामनाएं 
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍

  
  
  
  
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
kumartarunyadav673@gmail.com