ये वक्त थोड़ा ठहर तेरे साथ चलेंगे
भूत भविष्य नहीं मैं वर्तमान लिखेगें
काटों की झाड़ियों से हम नहीं डरेंगे।
फूल समझकर अपना रास्ता चीरेंगे।।1।।
ये वक्त थोड़ा ठहर तेरे साथ चलेंगे
संसार में अपना अलग नाम लिखेंगे
हर कठिन दौर से गुजर कर रहेंगे
गर सामने तुफां आये मोड़कर रहेंगे ।।2।।
ये वक्त थोड़ा ठहर तेरे साथ चलेंगे
दुनिया में अपना पहचान लिखेगें
सीखा है इतां लक्ष्य पर आगे बढेंगे
सामने पर्वत हो उनसे रास्ता चीरेंगे।।3।।
ये वक्त थोड़ा ठहर तेरे साथ चलेंगे
वक्त के साथ ही चल सबको कहेंगे
वक्त के साथ चल इतिहास लिखोगे
वक्त वेवक्त हो जाये हिम्मत लिखेंगे।।4।।
ये वक्त गुस्ताखी न कर आगे चलेंगे
वीर भूमि का पुत्र आगे बढते जायेंगे
लक्ष्य के लिए हम तुफां से टकरायेंगे
धुप या छाँव हो अपना कार्य करते रहेंगे।।5।।
ये वक्त थोड़ा ठहर तेरे साथ चलेंगे
हां तरुण हूँ तरुण कार्य करते करेंगे
दुनिया में अपना अलग छाप छोड़ेंगे
मन को जीते हैं सबका दिल जीतेंगे।।6।।
✍✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍✍
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