सबको गले लगाता, माँ भारती का सपूत हूँ।।1।।
माँ भारती का सपूत हूँ, प्यार सभी से करता हूँ ।
अगर आन,बान,शान बात आयें,किसी से नहीं डरता हूँ ।।2।।
शांति, सहयोग, संस्कृति इसे लेकर चलता हूँ
सभी को प्यार से नमस्कार, नमस्कार कहता हूँ ।।3।।
माँ भारती की रक्षा के लिए मैं ही गुरु गोविन्द बनता हूँ ।
अगर कुर्बानी देना पड़े तो पीछे कभी नहीं हटता हूँ ।।4।।
शांति,अदम्य साहस का पाठ पढाया,उसी का वंशज हूँ। दुश्मनों को छक्के छुड़ाया, हाँ उसी का वंशज हूँ ।।5।।
दुनिया को शांति का संदेश दिया मैं ही शांति दूत हूँ।
सबको प्यार से गले लगाया,माँ भारती का सपूत हूँ ।।6।।
✍✍तरुण यादव रघुनियां ✍✍
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