लोगों के सामने मुस्कान रखिए।।
बिना प्यार का परवरदीदार खोजता
दिल में हया नहीं इश्क का जुगाड़ खोजता ।।
नफरत की ताबीज़ से किसका भला हुआ
आग में पैर रखने वाले खुद जलकर खाक हुआ ।।
शाम भी सामने आने से शर्माती है
जुगाड़ बिना सपने खाक मिल जाती हैं ।।
सिक्का उछाल कर जीवन तय किया
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