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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

मोहब्बत वाली हवा चली

दोनों ने एक दूसरे का कान खींचा,
कह दिया कुछ कानों में।
जब से ये मोहब्बत वाली हवा चली
रहे कितने हलकानों में ।।1।।


दिल को दिल से लगाकर रखना
बीत न जायें बातों में ।
हां दो गज की दूरी बनाये रखना 
इनायत को सजाने में ।।2।।


दिल की खिली हुई तस्तरी पर 
फरेब न इन दामन में ।
बहकता दिल संभाल कर रखना 
भूल न जाये महफिल में।।3।।


पत्थर ने कहा दिल से बन जा
सब लगे हैं तोड़ने में।
 प्यार की गाड़ी दिल पर दौड़ेगी 
लगेगें सब मुँह मोड़ने में।।4।।
~तरुण यादव रघुनियां 

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