चेहरा नहीं देखा कबसे
आंखों के आँसू सूखे
बात नहीं किया कबसे।।1।।
सपना नहीं देखा कबसे
दिल पूछ रहा हैं कबसे
नजर से ओझल हुई
अपना नहीं समझा कबसे।।2।।
राह देख रहा हूं कबसे
तेरी बात कर रहा कबसे
तुमको कुछ फिक्र नहीं
तेरी इंतजार हैं कबसे।।3।।
~तरुण यादव रघुनियां
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