हैं ये बड़ा ही बेदर्दी।।
सब कहता अबकी बार
ये मौसम हद कर दी।।1।।
किधर भी जाने को चाहूं
चलता नहीं अपना मर्जी
रजाई में घुस कर रहता
ये मौसम हैं बेदर्दी।।2।।
मुंह कान ढक चलता
नहीं तो होगा सर्दी
ये अपनी प्रभाव दिखाये
शुरू होगा सिरदर्दी।।3।।
~तरूण यादव रघुनियां
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