सबके जीवन में उमंग हैं
लेकिन मेरे जीवन में
बदरंग है तुम्हारे बिन।।1।।
सबके जीवन में महफ़िल
मुझे क्यूं होता है फिल
मेरे दर्द कोई नहीं रहा सिल
अब तुम्हारे बिन।।2।।
दुनिया में खुशियों की रात है
मेरे आंखों में आसूं की बरसात हैं
ये रूक नहीं रहा है
अब तुम्हारे बिन।।3।।
सबके होंठों पर मुस्कान है
हमें जी में नहीं जान हैं
मेरा नहीं कोई पहचान है
अब तुम्हारे बिन।।4।।
~तरूण यादव रघुनियां
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