जिसने तुमको जन्म और
पढ़ा लिखाकर बड़ा किया है
उसको कैसे भूला दिया हैं।।1।।
याद करो वो बचपन को
याद करो मां के उलझन को
उस कष्ट से अंजान हैं
रे पगले तू बड़ा नादान है।।2।।
जब तुम रोता था
विस्तर पर नहीं सोता था
तब मां तुझे काम छोड़कर
गोद में ले आंगन में घुमाती थी
अपनी दूध पिलाती थी
कहो फिर क्यों हेवान हैं
रे पगले तू बड़ा नादान हैं।।3।।
मां बाप को तूने अलग कर दिया
सारा दूध तूने व्यर्थ कर दिया
तूं क्यों नहीं परेशान हैं
रे पगले तू बड़ा नादान है।।4।।
बाजार का झालदार खाते हो
खाते खाते नहीं अघाते हो
मां पिता एक बार नहीं पूछते हो
कुछ नहीं तुम्हें इमान है
रे पगले तू बड़ा नादान हैं।।5।।
पेंशन का तू मारा है
नयी नवेली का दुलारा है
पहले जिसका तू राजा है
उससे क्यों तुम अंजान हैं
रे पगले तू बड़ा नादान है।।6।।
घरती पर जिंदा भगवान हैं
जिससे तेरा ये शान हैं
बाहर बाहर तीर्थ करते हो
इनसे मोह मोरते हो
कितना तू हैवान हैं
रे पगले तू बड़ा नादान हैं।।7।।
अगर चरणों की गिर पड़ोगे
सारा गलती माफ करेंगे
मां पिता कोई नहीं महान है
रे पगले तू बड़ा नादान हैं।।8।।
~तरूण यादव रघुनियां
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