किसको अपना तन्हा हाल सुनाए
मेरा तो ऐसा ही उमरीया बीता जाए।।
समय की मार से
सब करें अपनी संभाल
कौन सुने इस घड़ी में
सब तो कर रहा पुकार।।
काल की चपेट से कोई नहीं बचेगा
चाहे गरीब हो या अमीर
लाख चतुराई कर ले मनवा
नहीं उसके आगे कोई वीर।।
प्रभु के भक्ति में लीन होकर
कुछ अपने मन को मोर
क्या पता कब हो जाए
जिंदगी में इंजोर ।।
लगाते जा लगाते जा अपने मन पर जोर
एक दिन जरूर सुनेंगे प्रभु मोर।।
~तरूण यादव रघुनियां,मधेपुरा, बिहार
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