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मंगलवार, 17 अगस्त 2021

सुन्दर रूप में सुराख होता है

सुंदर रूप में सुराख होता है 
मान मर्यादा सब ख़ाक होता है।
 गर विश्वास करो तो पश्चाताप होता है
 और पूछता है क्या यही पाप होता है।।

 रूप दिखाकर क्या इंसाफ होता है
बदन दिखाना ही क्या नाप होता है
 यही रंग समाज का अभिशाप होता है
 पूछते हो दिखाने में भी पाप होता है।।

 आंख का का कुसूर क्या अपने आप होता है
 जब मन नहीं अपने पास होता है 
झूठ ही कहते हैं कुछ और बात है
उसका जिम्मेदार तो खुद अपने आप होता है।।
~तरूण यादव रघुनियां

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