यहां पर आप को दुनिया का सबसे शानदार और रोचक तथ्य के बारे में बताया जाएगा और हिंदुस्तान के अलावा पूरा विश्व के बारे में

मेरे बारे में

Breaking

रविवार, 5 सितंबर 2021

नसीब में नहीं तू

क्या दुनिया क्या पुर्णिया सब व्यर्थ है।
तू नहीं तो जिंदगी का क्या ही अर्थ है।।

भूल जाओ जो था सब सपना था।
गुजरा वक्त सच में नहीं अपना था।।

वादे,इरादे, हंसने वाली बातें सब टूट गया।
जब मेरा मुकद्दर ही मुझसे रूठ गया।।

नसीब  के आगे किसका चलता है।
यहां सब उनका जिंदा कठपुतला है।।

जो पहले का दौर था वैसे नहीं चलना।
खुश रहो, आबाद रहो, हंसते ही रहना।।
~तरूण यादव रघुनियां

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

kumartarunyadav673@gmail.com

आनंद और मंगल की जड़ सत्संग हैं -संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

बीसवीं सदी के महान संत सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का प्रवचन को पूरा देखें 👇🙏👇 🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 आनन्द और मंगल की जड़ : ...