समझ लेता कुछ ही और हैं।।
कुछ देर के हंसी मजाक को समझ लेता प्यार है
जबकि खुद दोनों को ये बात नहीं स्वीकार हैं।।
दोनों के बिना रजामंदी से बंधन जोड़ते हैं
पता नहीं बीच में कितनो का दिल तोड़ते हैं।।
सोच सोच कर यार बहुत ही परेशान हैं
अब तो खाना पीना भी लगता हराम है।।
~तरूण यादव रघुनियां
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