एक बार स्वामी रामतीर्थ जापान गए अपना व्याख्यान देने के लिए वहां पर व्याख्यान देने के बाद वहां के एक स्कूल में उसे आमंत्रित किया गया जब उसी स्कूल में स्वामी रामतीर्थ गए तो वहां पर सबों को स्पीच देने के बाद बच्चों से देश भक्ति के बारे में जानकारी लेना चाहा और उसी विद्यालय में से 1 बच्चों को बुलाया और उनसे पूछा कि तुम कौन धर्म को मानते हो उन्होंने कहा बौद्ध धर्म तुम किस देश के वासी हो तो उन्होंने कहा जापान तो बोला कि तुम्हारे मन में भगवान बुध के प्रति कैसा व्यवहार है तो उस बच्चा ने कहा मैं बुद्ध को भगवान मानता हूं और वह मेरे लिए वंदनीय है तो उन्होंने कहा कि अगर तुम्हारे देश पर कोई आक्रमण करता है और उस का सेनानायक अगर उसका सेना नायक अगर बुद्ध है तो तुम क्या करोगे?
तो इस पर बच्चा आंख लाल करते हुए गुस्सा में तमतमा गए और तपाक से जवाब दिया कि जो हमारे देश पर आक्रमण करेगा अगर वह बुद्ध ही क्यों ना हो उसका सर से धर अलग कर देंगे क्योंकि मेरे लिए सबसे पहला देश है
अर्थात देश मेरे लिए सर्वोपरि है देश की रक्षा करना मेरा धर्म बनता है और इस तरह का बात सुनकर के स्वामी रामतीर्थ बहुत गदगद हुए उसके देश भक्ति से प्रभावित हुए और इतना ही नहीं उस बच्चे को थपथपाया और उसके इस उत्तर के लिए उसे शाबाशी भी दिए और यही प्रेरणा हम देशवासियों को भी लेना चाहिए अपने देश के लिए चाहे जान कुर्बान करना ही पड़े तो जान कुर्बान करने में नहीं पीछे हटे धन्यवाद्
तो इस पर बच्चा आंख लाल करते हुए गुस्सा में तमतमा गए और तपाक से जवाब दिया कि जो हमारे देश पर आक्रमण करेगा अगर वह बुद्ध ही क्यों ना हो उसका सर से धर अलग कर देंगे क्योंकि मेरे लिए सबसे पहला देश है
अर्थात देश मेरे लिए सर्वोपरि है देश की रक्षा करना मेरा धर्म बनता है और इस तरह का बात सुनकर के स्वामी रामतीर्थ बहुत गदगद हुए उसके देश भक्ति से प्रभावित हुए और इतना ही नहीं उस बच्चे को थपथपाया और उसके इस उत्तर के लिए उसे शाबाशी भी दिए और यही प्रेरणा हम देशवासियों को भी लेना चाहिए अपने देश के लिए चाहे जान कुर्बान करना ही पड़े तो जान कुर्बान करने में नहीं पीछे हटे धन्यवाद्
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