वर्तमान की परिस्थिति आप लोगों के सामने रखें तो
"आज संसार बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है और अगर थोड़ा सा भी अगर इस पर चिंगारी फेंक दिया जाए तो पूरा विश्व जलकर राख हो जाएगा"
अतः इस पर आज पूरा विश्व को सोचना पड़ेगा संयम से काम लेना पड़ेगा आज अनेक देश परमाणु हथियार का जखीरा लगाने का काम कर रहे हैं अनेकों तरह का अनुसंधान परीक्षण कर रहे हैं जो एक तरह से संसार को आग में झोंकने का काम कर रहे हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ हमेशा पूरा देश को शांति और सहिष्णुता से काम लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं लेकिन आज सभी देश अपनी वाहवाही लूटने और अपना वर्चस्व जमाने के लिए शस्त्र बनाने हथियार खरीदने हथियार बनाने कावड़ में सबसे आगे रहना चाह रहे हैं तो एक तरह से कह सकते हैं कि आज संसार सचमुच में बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है अगर दो राष्ट्र आपस में मतभेद के कारण कोई परमाणु हमला करता है तो पूरा विश्व तबाह हो जाएगा अर्थात
" बारूद के ढेर पर अगर चिंगारी भी फेंका जाए तो पूरा विश्व तबाह हो जाएगा"
इस तरह की समस्या से निपटने का मात्र एक उपाय है कि पूरा विश्व को प्रत्येक राष्ट्र को प्रेम सद्भावना भाईचारा मेल जोल बढ़ाना होगा और इस तरह का जो हथियार का जखीरा बढ़ा रहे हैं खरीद रहे हैं इस पर भी रोक लगाना होगा अब बात करेंगे इस पर रोक लगेगा कैसे जब प्रत्येक राष्ट्र एक दूसरे को समानता की दृष्टि से देखेंगे भाई चारा की बात करेंगे उकसावे का काम नहीं करेंगे और मधुर ता पूर्वक संबंध रखेंगे तो इस तरह के समस्या से निजात पा सकते हैं और यह आज के समय की बड़ी मांग है और आगे आने वाले पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा भी होगा इसलिए प्रत्येक राष्ट्र के राष्ट्र अध्यक्षों को यह सोचना होगा कि हम जिस तरह से आगे बढ़ रहे हैं यह बहुत ही खतरनाक रास्ता है और इस रास्ता को छोड़कर के शांति और भाईचारा और प्रेम के मार्ग को अपना कर चले तो पूरा विश्व में शांति छा जाएगा और इसी से सभी समस्या का समाधान और हर संभव है अगर इसका प्रयास नहीं करते हैं तो संसार में कोई भी बड़ा से बड़ा समस्या हुआ है उसका हल नहीं हो पाया उसका हल बातचीत भाईचारा प्रेम और सौम्यता सक्षम है इसलिए सभी राष्ट्रों से सभी राष्ट्राध्यक्ष ओं से एक ही अपेक्षा है कि आप अपने नीति को इस तरह से डील करें कि दूसरे देश को ऐसा महसूस नहीं हो कि यह हमारे लिए खतरा है अगर प्रत्येक देश ऐसा करते हैं तो पूरा विश्व में शांति कायम हो जाएगा और नफरत की दीवार खत्म हो जाएगी अगर यह खत्म हो जाएगा तो स्वत ही धीरे-धीरे आतंकवाद का बीज जो है नष्ट होता चला जाएगा इसके लिए प्रत्येक राष्ट्र को दृढ़ संकल्पित होना पड़ेगा
"आज संसार बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है और अगर थोड़ा सा भी अगर इस पर चिंगारी फेंक दिया जाए तो पूरा विश्व जलकर राख हो जाएगा"
अतः इस पर आज पूरा विश्व को सोचना पड़ेगा संयम से काम लेना पड़ेगा आज अनेक देश परमाणु हथियार का जखीरा लगाने का काम कर रहे हैं अनेकों तरह का अनुसंधान परीक्षण कर रहे हैं जो एक तरह से संसार को आग में झोंकने का काम कर रहे हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ हमेशा पूरा देश को शांति और सहिष्णुता से काम लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं लेकिन आज सभी देश अपनी वाहवाही लूटने और अपना वर्चस्व जमाने के लिए शस्त्र बनाने हथियार खरीदने हथियार बनाने कावड़ में सबसे आगे रहना चाह रहे हैं तो एक तरह से कह सकते हैं कि आज संसार सचमुच में बारूद की ढेर पर बैठा हुआ है अगर दो राष्ट्र आपस में मतभेद के कारण कोई परमाणु हमला करता है तो पूरा विश्व तबाह हो जाएगा अर्थात
" बारूद के ढेर पर अगर चिंगारी भी फेंका जाए तो पूरा विश्व तबाह हो जाएगा"
इस तरह की समस्या से निपटने का मात्र एक उपाय है कि पूरा विश्व को प्रत्येक राष्ट्र को प्रेम सद्भावना भाईचारा मेल जोल बढ़ाना होगा और इस तरह का जो हथियार का जखीरा बढ़ा रहे हैं खरीद रहे हैं इस पर भी रोक लगाना होगा अब बात करेंगे इस पर रोक लगेगा कैसे जब प्रत्येक राष्ट्र एक दूसरे को समानता की दृष्टि से देखेंगे भाई चारा की बात करेंगे उकसावे का काम नहीं करेंगे और मधुर ता पूर्वक संबंध रखेंगे तो इस तरह के समस्या से निजात पा सकते हैं और यह आज के समय की बड़ी मांग है और आगे आने वाले पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा भी होगा इसलिए प्रत्येक राष्ट्र के राष्ट्र अध्यक्षों को यह सोचना होगा कि हम जिस तरह से आगे बढ़ रहे हैं यह बहुत ही खतरनाक रास्ता है और इस रास्ता को छोड़कर के शांति और भाईचारा और प्रेम के मार्ग को अपना कर चले तो पूरा विश्व में शांति छा जाएगा और इसी से सभी समस्या का समाधान और हर संभव है अगर इसका प्रयास नहीं करते हैं तो संसार में कोई भी बड़ा से बड़ा समस्या हुआ है उसका हल नहीं हो पाया उसका हल बातचीत भाईचारा प्रेम और सौम्यता सक्षम है इसलिए सभी राष्ट्रों से सभी राष्ट्राध्यक्ष ओं से एक ही अपेक्षा है कि आप अपने नीति को इस तरह से डील करें कि दूसरे देश को ऐसा महसूस नहीं हो कि यह हमारे लिए खतरा है अगर प्रत्येक देश ऐसा करते हैं तो पूरा विश्व में शांति कायम हो जाएगा और नफरत की दीवार खत्म हो जाएगी अगर यह खत्म हो जाएगा तो स्वत ही धीरे-धीरे आतंकवाद का बीज जो है नष्ट होता चला जाएगा इसके लिए प्रत्येक राष्ट्र को दृढ़ संकल्पित होना पड़ेगा
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