एक बार की बात है भगवान बुद्ध रोजाना की तरह भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करते और अपना साधना में लीन रहते और उपदेश दिया करते हैं 1 दिन की बात है भिक्षा मांगने के क्रम में एक महिला के दरवाजे पर गई वह महिला स्वभाव से बहुत झगरालू थी जो भी भिक्षा मांगने जाया करते थे उसको डांट कर फटकार कर भगा देते थे चाहे कोई भी भिक्षु क्यों न जाए और जब भगवान बुद्ध उसके दरवाजे पर गए तो उसको भी अन्य भिक्षु की तरह समझ कर उसको भी फटकार ने लग गए और तरह तरह की बात कहने लग गए और भगवान बुद्ध शांत मुद्रा से उनकी बातों को सुन रहे थे भगवान बुद्ध इसका जवाब नहीं दिए तो वह महिला और भी गुस्सा से तमतमा गई तब भगवान बुद्ध ने कहा "मां", एक बात कहो तुम मुझे भोजन देना चाहती हो और मैं अगर भोजन नहीं लूं तो वह भोजन किसके पास रहेगा ठीक उसी तरह तुम मुझे गाली दे रही हो और उस गाली को अगर मैं नहीं लूं तो वह गाली किसके पास रहेगी ऐसी बात सुनकर के वह महिला को बहुत ही शर्मिंदगी महसूस भी और क्षमा मांगी और अपने आंगन गई और गरम भात लेकर के आए और वह भोजन भगवान बुद्ध को दिए भगवान बुद्ध ने अपनी बुद्धि और शालीनता से उसके बुद्धि को परिवर्तन कर दिया ऐसा उत्तर सुनकर के भगवान बुद्ध के बातों पर चलना शुरू कर दिए ऐसे थे हमारे भगवान बुद्ध
शनिवार, 13 अप्रैल 2019
बुद्ध द्वारा एक महिला को उत्तर
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