वर्तमान की दौड़ में राजनीति की दिशा किधर जा रही है यह सबको पता है आज संप्रदायिकता समाज में एक तरह से जहर घोलने का कार्य कर रही है और जाए जहाज बनाने का कार्य आज के नेता कर रहे हैं इस तरह की मानसिकता को खत्म करना होगा और यह मानसिकता खत्म करने के लिए सभी को आगे आना होगा वर्तमान के दौर की बात करें तो सभी नेता या तो धर्म जाति लिंग रूप रंग का मुद्दा बनाते हैं और अपना किस्मत को चमका आते हैं जो कि एक तरह से समाज में जहर घोलने के समान है और यह बहुत ही खतरनाक स्टंट है इसको खत्म करना होगा इसे खत्म करने के लिए चुनाव आयोग को एक दिशा निर्देश जारी करना होगा चाहे किसी भी पार्टी का कोई लीडर हो चाहे कोई भी क्यों न हो उसे एक सीमा में बांध कर रखना होगा धर्म और सांप्रदायिकता का बात नहीं करना है इस तरह की गाइडलाइन जारी करना चाहिए और जो ऐसा करते हैं तो उसे चुनाव लड़ने नहीं दिया जाएगा उसे अयोग घोषित कर दिया जाएगा यह एक तरह से रास्ता हुआ और इस पर लगाम लगेगा और जो नेता इस तरह का बयान देते हैं उसका हम हिंदुस्तान वासी बहिष्कार करें तो अच्छा होगा वर्तमान के दौर में एक और ट्रेड ज्यादा हो रहा है सेना का अपमान और राजनीति करें इस दोनों पर अगर जो नेता बयानबाजी करते हैं उस पर भी चुनाव आयोग को सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए और इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाना चाहिए और उसे कड़ी कार्रवाई का डर भी दिखाना चाहिए तब जाकर के हमारा यह लोकतंत्र सुदृढ़ होने के रास्ते पर कारगर होगा नहीं तो आज नेता समाज में जहर घोल करके अपना अमृत पी रहे हैं अपने परिवार में ऐसो आराम का जिंदगी बिता रहे हैं ऐसी प्रवृत्ति में लीन रहा करते हैं 5 साल तक अय्याशी में डूबा रहता है और जब इलेक्शन आता है उस समाज में जहर घोल ते हैं और फिर वोट लेते हैं फिर 5 साल आराम करते हैं यह वक्त है जनता को जागने का यह वक्त है समाज को बदलने का यह वक्त है देश को बदलने का वक्त है नेता बदलने का और यह कार्य कौन करेंगे तो हिंदुस्तान की हर जनता करेंगे और इसका वीरा सबसे पहले युवाओं को उठाना पड़ेगा पीछा नहीं मुड़ना है सिर्फ आगे बढ़ते जाना है इसका संदेश लेकर जाना है और मेरा एक ही कहना है युवाओं से
" हिम्मत है तो भरो उड़ान
क्यों बैठे कर रहा गुमान"
" हिम्मत है तो भरो उड़ान
क्यों बैठे कर रहा गुमान"
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