हमारे देश में ही एक खान साहब थे उन्होंने एक शेर को मारा और अपना नाम शेरशाह रख लिया और अपने को बादशाह मानने लग गया और यहां एक प्रचलित पद्धति है कि 40 शेर का एक मन होता है जो व्यक्ति एक शेर को मार कर के बादशाह बन गया अगर जो व्यक्ति 40 शेर को मारे तो वह बादशाहों का बादशाह क्यों नहीं होगा क्यों नहीं सुख का ताज उसके ऊपर होगा हमारा जो मन है इसके विषय में कहा जाता है कि यह किसी के बस के में आने वाला नहीं है और यह कैसे बस में होगा दुनिया में सबसे बड़ा चंचल और चांडाल यह मन ही है एक शेर को मारने वाला बादशाह हो सकता है तो 40 सिर को मारने वाला शहंशाह और बादशाह क्यों नहीं होगा और कौन हो सकता है ध्यानपूर्वक सुने एक शेर करके 40 शेर होता है एक मन होता है और जो मन पर बिजाई प्राप्त कर ले तो वह 40 सिर पर सत्य की विजय प्राप्त कर लेगा अर्थात वह सबसे बड़ा बादशाह होगा और सबसे बड़ा बादशाह कौन जो अपने ज्ञानेंद्रिय और मन को काबू करके बस में कर ले इसी तरह का एक और उपाख्यान है स्वामी रामतीर्थ का स्वामी रामतीर्थ अपने को राम बादशाह कहते थे एक बार अमेरिका से भारत आने के दौरान वोट पर जो भारत में अंग्रेजी शासक के अधिकारी थे वह आ रहे थे और वह अपने को बादशाह कहते थे संजोग से स्वामी रामतीर्थ से उनको मुलाकात होती है और कहते हैं कि आप कौन कहां जा रहे हैं तो स्वामी रामतीर्थ ने कहा मैं राम बादशाह हूं और भारत जा रहा हूं भारत का वासी हूं तो उन्होंने कहा कि भारत में क्या कोई बादशाह होता है भारत भारत अंग्रेजों का गुलाम है और उसका बादशाह हमहूं तुम कौन बादशाहो तो इस पर स्वामी रामतीर्थ ने उस अंग्रेज अधिकारी को समझाया कि तुम जोर जुल्म करके शासन करके अपने को बादशाह कहते हो यह तो काम चलाओ बादशाह हुआ और हमारे विचार से हमारे सोच से जो अपने मन इंद्रियों को काबू कर ले वह दुनिया का सबसे बड़ा बादशाह और शहंशाह है वह मैं हूं इस पर मैं प्रदीप संकल्पित हूं इसलिए इस बोर्ड पर मैं नहीं जा सकता हूं क्योंकि एक वोट पर दो बादशाह नहीं जा सकते और उस वोट सेवा उतर जाते हैं फिर अपना दूसरे वोट से भारत आते हैं कहने का तात्पर्य है दुनिया में कोई कितना भी धन संपत्ति इकट्ठा कर ले ईश्वर युवान हो जाए गुणवान हो जाए धनवान हो जाए प्रतिभावान हो जाए अत्याचारी हो जाए दुराचारी हो जाए और किसी तरह से वह अपने को बड़ा पति को प्राप्त कर ले तो यह पदवी क्षणिक है दिखावा है भूत कालिक है जो भूत में परिवर्तित होगा ही लेकिन जो अपने मन पर विजय प्राप्त कर ले वह असली योद्धा वह असली विजेता व असली बादशाह वह सबसे बड़ा बादशाह अर्थात शहंशाह है और वह शहंशाह सब व्यक्ति बन सकते हैं सबके अंदर वह ओजस्वी सकती है वह ओजस्वी ऊर्जा है वह ओजस्वी ज्ञान है जिसको अधिक से अधिक उपयोग करके मंद्र हो मन और इंद्रियों को काबू करके अगर रख लेता है तो वह बादशाह बन सकता है और ऐसा बादशाह अनेकों पैदा हुए अनेकों अवतार लिए और हिंदुस्तान में अर्थात भारत में ऐसे बादशाह का कोई कमी नहीं है ऐसे शहंशाह का कोई कमी नहीं है और यह भारत की भूमि ऐसे ही शहंशाह और बादशाह को पैदा करती है और प्रेरणा भी देती है और जो अपने मन को बस कर ले काबू कर ले वही शहंशाह असली बादशाह और दुनिया का सबसे बड़ा बादशाह होगा
शुक्रवार, 17 मई 2019
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